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    482वें जम्मदिवस पर व आजादी के अमृत काल में पंच दिवसीय कार्यशाला का आयेाजन

    Publish Date: मई 5, 2022

    NIT कुरूक्षेत्र के निदेशक प्रो बी वी रमना रेड्डी जी
    NIT पुडुचेरी के निदेशक प्रो के शंकर नारायणसामी जी
    RERF के अध्यक्ष बीके डॉ मृत्युंजय जी
    डीन प्रोफेसर ब्रह्मजीत सिंह जी
    रजिस्ट्रार श्री जीआर सामंतरे जी
    उपस्थित प्रो साहेबान, अधिकारीगण, शिक्षकगण, पूर्व छात्रगण, प्रिय छात्रों, भाईयों-बहनों, पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं!
    सबसे पहले मैं, मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग, एनआईटी, कुरुक्षेत्र को बधाई देता हूं, जिन्होंने न्यायपालिका प्रणाली, मानवाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा में भगवद गीता की भूमिका विषय पर पांच दिवसीय विशेष कार्यशाला आयोजित की है। आपने महाराणा प्रताप के 482वें जम्मदिवस पर व आजादी के अमृत काल में पंच दिवसीय कार्यशाला का आयेाजन किया है। यह हम सबके लिए और एन.आई.टी परिवार के लिए बहुत ही गर्व की बात है।
    मैं माँ भारती के सपूत योद्धा महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करता हूं। महाराणा प्रताप ने न्याय, समानता और स्वतंतत्रा के लिए लड़ाई लड़ी और उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी। ऐसे पराक्रमी वीर योद्धा के जीवन चरित्र से युवाओं को शिक्षा लेनी चाहिए।
    मैं, आप सभी को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की भी अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं देता हूं, जिसे हम हर साल 11 मई को मनाते हैं, एक ऐसा दिन जिसने भारत को परमाणु हथियारों वाले देशों में शामिल होते का अवसर दिया है। 11 मई 1998 को, भारत ने ‘‘ऑपरेशन शक्ति’’ के तहत पोखरण में तीन परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किए और हमारा देश शक्तिशाली देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा हुआ।
    प्रिय छात्रों!
    हम सभी एनआईटी, कुरुक्षेत्र की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए यहां हैं। आपकी संस्था ने 60 वर्षों के दौरान कई मील के पत्थर स्थापित करते हुए की सफलता प्राप्त की है।
    क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज से राष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनने तक, एनआईटी देश की प्रतिष्ठित तीस ऐसी संस्थाओं में से एक है, जो वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और अवसरों का प्रभावी ढंग से जवाब दे रही है।
    यह संस्था तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान में एक रोल मॉडल के रूप में उभरी है। इस संस्था ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में, नए पेशेवरों और उद्यमियों को पैदा कर देश के विकास में नए आयाम स्थापित किए हैं।

    एनआईटी के पास पूर्व छात्रों की एक समृद्ध सम्पति की सूची है, जिन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में अग्रणी माना जाता है। डॉ पवन मुंजाल, हीरो मोटोकॉर्प के एमडी और सीईओ, सीएस राजू, डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के संस्थापक सीईओ, जिसे बाद में कॉग्निजेंट का नाम दिया गया, राकेश बख्शी, जिन्होंने आरआरबी एनर्जी की स्थापना की, और लार्सन एंड टूर्बो के एसएन सुब्रह्मण्यन, कई ऐसी नामचीन हस्तियां हैं, जो देश की आर्थिक व्यवस्था के मजबूत स्वरूप में योगदान दे रहे हैं।
    यह देश के सामने एक उदाहरण है कि एनआईटी के पूर्व छात्रों ने देश के विकास में किस तरह से अपना महत्ती योगदान दिया है। यह सब एन.आई.टी में शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता के कारण संभव हुआ है जो अत्याधुनिक तकनीकों और भविष्य के ज्ञान को उत्पन्न करता है।
    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एनआईटी कुरुक्षेत्र राष्ट्रीय महत्व के कई अनुसंधान क्षेत्रों में शामिल है जैसे कृषि और शहरी मानचित्रण के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग, सड़क और भवनों के निर्माण के लिए वैकल्पिक सामग्री, साइबर सुरक्षा, डेटाबेस और डेटा खनन, सामग्री विज्ञान और नैनो-प्रौद्योगिकी। इन सभी क्षेत्रों की आज रोजगार के साथ-साथ नव भारत के निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका है।
    यह और भी उत्साहित करने वाली बात है कि एन.आई.टी के संकाय सदस्यों के द्वारा 12 पेटेंट दिए गए हैं और उन्होंने 25 और पेटेंट के लिए आवेदन किया है। यह जानकर वास्तव में खुशी होती है कि संस्थान के सभी विभाग राज्य सरकार के विभिन्न विभागों व एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय बनाए हुए है। इससे जहां नई प्रौद्योगिकियों से प्रदेश को लाभ हो रहा है वहीं रोजगार के क्षेत्र में युवाओं को लाभ मिल रहा है।
    प्रिय छात्रों!
    जीवन में सफलता व सन्तुष्टि जरूरी है लेकिन आज के गतिशील और प्रतिस्पर्धी युग में सतत विकास भी महत्वपूर्ण है। इस समय बढ़ते अधिक प्रतियोगिता ने पूरी दुनिया को एक एकीकृत अर्थव्यवस्था में बदल दिया है, जहां केवल अर्थव्यवस्था के मामले में वहीं देश तरक्की करेगा जो कम लागत में बेहतर टैक्नोलॉजी के साथ-साथ नागरिकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेंगे।
    हम जो सोचते है उसकी तुलना में प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से बदल रही है। इसलिए जरूरी है कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पूर्वाभास किया जाए और उसी के अनुसार योजना बनाई जाए। आपने ब्वॅपद के बारे में सुना होगा, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जिसने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को इतना मजबूत हथियार बना हैं। इसी तरह, ‘‘आरोग्य सेतु’’ ऐप ने हमें कोरोनावायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक प्रभावी शस्त्र का काम किया।
    स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक, रक्षा से लेकर कृषि तक, न केवल अधिक रोजगार सृजित करने, निर्यात बढ़ाने बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने और लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की बहुत बड़ी गुंजाइश है। तकनीकी विकास मानवीय जरूरतों और सामर्थ्य के तथ्य के अनुरूप होना चाहिए।

    एनआईटी जैसे उज्ज्वल संस्थान को सस्ती प्रौद्योगिकियों को किफायती बनाने पर ध्यान देना चाहिए। उदाहरण के लिए, कीटनाशक और पोषक तत्वों के अनुप्रयोग में ड्रोन का बहुत बड़ा उपयोग होता है। लेकिन क्या सभी किसान ड्रोन खरीद सकते हैं? शायद नहीं! बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए सस्ते ड्रोन और रोबोट बनाना आपके लिए चुनौती के साथ-साथ एक अवसर भी है।
    प्रिय छात्रों, हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, एज कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी, ब्लॉकचौन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी आदि के उपयोग के बारे में बहुत चर्चा करते हैं।
    इन तकनीकों को व्यापक उपयोग में लाने के लिए रोडमैप, रणनीतियों और कार्य योजनाओं के संदर्भ में हम कितने तैयार हैं? हमें नई तकनीकों के उपयोग में तैयार रहने की जरूरत है ताकि हम भविष्य में होने वाले परिणामों के बारे में सोच सकें। हमेशा याद रखें कि हमें दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है। इसलिए मेहनत करो! केंद्रित रहो! इसके लिएS killed, More Skilled का मंत्र ही कामयाबी दिला सकता है।
    देवियो और सज्जनो, यह बहुत खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के बारे में बहुत खास है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के विकास के लिए इस वर्ष एक लाख करोड़ से भी अधिक का प्रावधान किया गया है।
    एक Semi Conductor Ecosystem का निर्माण करने और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार ने अर्धचालक और प्रदर्शन निर्माण के विकास के लिए कुल 76,000 करोड़ रुपये के ‘‘सेमीकॉन इंडिया’’ कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
    मुझे पूरा विश्वास है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करके डिजिटल इंडिया के भव्य उद्देश्य को प्राप्त करेंगे। और हमारे छात्रों, शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों को अभिनव होने में एक बड़ी और सक्रिय भूमिका निभानी होगी!

    जैसा कि महान स्वामी विवेकानंद ने कहा था – उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए! मुझे विश्वास है कि आप चमत्कार करेंगे।
    मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं!

    धन्यवाद! जय हिन्द!