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    स्वतंत्रता दिवस समारोह-2022 के लिए भाषण का प्रारूप

    Publish Date: अगस्त 15, 2022

    आदरणीय स्वतंत्रता सेनानीगण, उपस्थित सम्मान के योग्य बुजुर्गो, भाइयो-बहनो, नौजवान साथियो और प्यारे बच्चो!
    आज हम आजादी के अमृत महोत्सव में अपना छिहत्तरवां (76वां) स्वतंत्र्ाता दिवस मना रहे हैं। इस पावन पर्व पर मैं सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
    आज अम्बाला की इस वीर भूमि पर तिरंगा फहराना मेरे लिए गर्व और गौरव का विषय है। देश पर मर-मिटने वाले शहीदों के खून से पवित्र हुई इस भूमि को मैं शत-शत नमन करता हूँ। यहां से उठी चिंगारी ने न केवल प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का रूप धारण कर भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत किया, बल्कि आगे चलकर ऐसा विशाल जन-आन्दोलन खड़ा कर दिया जिसके बलबूते हम उन्नीस सो सैंतालिस (1947) में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने में सफल रहे।
    अंबाला की इसी वीर भूमि पर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की याद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का भव्य शहीदी स्मारक बनाया जाना हम सब के लिए गर्व की बात है।
    आजादी की पिच्चतरवीं (75वीं) वर्षगांठ के इस अवसर पर देश की आजादी के लिये महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, रानी लक्ष्मीबाई, शहीद-ए-आजम सरदार भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, वीर सावरकर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, राव तुला राम, ऐनी बेसैन्ट, सर छोटूराम, पं0 नेकी राम शर्मा व जाने-अनजाने हजारों देशभक्तों व सभी वीर शहीदों को नमन करता हूं। इन सभी वीर सेनानियों ने देश में स्वराज का सपना संजोया था।
    पूरा देश आजादी के पिच्चतर (75) वर्षांे को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। हर देशवासी गर्व से अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराकर जश्न मना रहा है। ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ की कड़ी में प्रदेश में अब तक स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े 10 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जबकि पूरे देश में चालीस हज़ार (40,000) से अधिक कार्यक्रम हुए हैं। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन में हरियाणा का देश में दूसरा स्थान है।
    आजादी की लड़ाई में हरियाणा का उल्लेखनीय योगदान रहा है। अम्बाला की यह ऐतिहासिक धरा तो प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की गवाह रही है। अमृत काल के दौरान उन परिवारों को सम्मानित किया किया जा रहा है, जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में बलिदान दिया है।

    हम ख़ून की क़िस्तें तो कई दे चुके लेकिन,
    ऐ ख़ाक-ए-वतन क़र्ज़ अदा क्यूँ नहीं होता।।
    भाइयो-बहनो!
    हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं। प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं को पच्चीस हजार (25,000) रुपये मासिक पेंशन दी जाती है।
    वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों व अर्द्ध-सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेसिया ग्रांट बीस लाख (20 लाख) रुपये से बढ़ाकर पचास लाख (50 लाख) रुपये की गई है। मेरी सरकार ने अब तक शहीद सैन्य व अर्ध-सैनिक बलों के तीन सौ सैंतालीस (347) आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्रदान की है। मेरी सरकार ने ‘सुशासन से सेवा का संकल्प’ लिया है। सरकार ने सबसे गरीब लोगों का जीवन-स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। प्रदेश में यह वर्ष अंत्योदय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
    इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम एक लाख अस्सी हजार (1.80 लाख) रुपये की जाएगी। इस योजना के तहत लगभग तीस हजार (30,000) परिवारों को रोजगार के लिए ऋण व अन्य सहायता दी गई है। अब इस योजना का तीसरा चरण शुरू हो चुका है।
    मेरी सरकार गरीब परिवारों को ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ के तहत छः हजार रुपये (6000) वार्षिक सहायता दे रही है। जिन बी.पी.एल. परिवारों के कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मृत्यु हुई है उनको दो लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
    कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास और सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की गई है। इसके तहत प्रति बच्चा पच्चीस सो (2500) रुपये मासिक मदद दी जा रही है। प्रदेश में सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाकर पच्चीस सो (2500) रुपये मासिक की गई हैं।
    सरकार ने ई-गवर्नेंस के जरिए व्यवस्था परिवर्तन कर सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत परिवार पहचान-पत्र बनाए गए। सभी सरकारी योजनाओं व सेवाओं को ‘परिवार पहचान पत्र पोर्टल’ के साथ जोड़ा जा रहा है।
    इस पोर्टल पर अब तक बहतर लाख (72 लाख) परिवारों का डाटा उपलब्ध हो चुका है। इस वर्ष में अधिकांश सरकारी सेवाएं ऑनलाइन मिलनी शुरू हो जाएंगी। प्रदेश के सभी डिपुओं में राशन भी परिवार पहचान पत्र के माध्यम से मिलना शुरू हो गया है।
    प्रिय प्रदेशवासियो!
    देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है। केन्द्र सरकार ने इस नीति को दो हजार तीस (2030) तक लागू करने की अवधि तय की है। हरियाणा इसे दो हजार पच्चीस (2025) तक ही पूर्ण रूप से लागू करने वाला पहला प्रदेश होगा।
    नई शिक्षा नीति के अनुरूप हमने स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। प्रदेश में कई विश्वविद्यालयों में ज्ञण्ळण् से च्ण्ळण् तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की शुरुआत की जा चुकी है।
    प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में एक सौ अड़तीस (138) नये संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल खोले गए हैं। प्रदेश में शिक्षा व शिक्षा से जुड़ी योजनाओं व कार्यक्रमों पर इस वर्ष बीस हजार (20,000) करोड़ रूपए की राशि खर्च की जा रही है।
    धन के अभाव में प्रतिभा दबी न रहे, इसलिए सरकारी स्कूलों के होनहार विद्यार्थियों को सरकारी खर्च पर कोचिंग देने के लिए ‘सुपर-100 कार्यक्रम’ शुरू किया है। यह गर्व की बात है कि इसके तहत कोचिंग पाने वाले विद्यार्थी JEEऔर NEET जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में मैरिट में स्थान प्राप्त कर रहे हैं।
    मेरी सरकार ने युवाओं की योग्यता का सम्मान करते हुए सत्तासी (87) हजार से भी अधिक युवाओं को मैरिट पर सरकारी नौकरियां दी है। आउटसोर्सिंग से जुड़ी सेवाओं में ठेका प्रथा बंद करने के लिए ‘हरियाणा कौशल रोजगार निगम’ बनाया है। निजी क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं के लिए नौकरियों में पिच्चतर (75) प्रतिशत आरक्षण भी लागू हो गया है।
    प्रदेश में अब तक चौदह सोै बानवें (1492) रोजगार मेले आयोजित किए गए है। जिनमें सताईस हजार पंाच सौ सोलह (27516) उम्मीदवारों को नौकरी की पेशकश की गई है।
    प्रिय युवा साथियों !
    आपको नौकरी के लिए बार-बार आवेदन करने व फीस भरने से छुटकारा दिलाने के लिए ‘एकल पंजीकरण’ की सुविधा शुरू की है। बार-बार प्रतियोगी परीक्षा से निजात दिलाने के लिए ‘कॉमन पात्रता परीक्षा’ का प्रावधान भी किया गया है।
    भाइयो और बहनो!
    हमारे युवाओं ने शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। गत सप्ताह बर्मिंघम में सम्पन्न हुए राष्ट्र मंडल खेलों में कुल इकसठ (61) पदकों में से बीस (20) पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं, जिनमें नौ स्वर्ण पदक हरियाणा के नाम है। महिला हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में तो नौ खिलाड़ी हरियाणा की हैैं। इसके लिए मैं सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूँ।
    पिछले सभी खेलों में लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से भी बेहतर रहा है। इस तरह से लड़कियों ने सिद्ध कर दिया है कि हमारी छोरियां, छोरों से कम नहीं है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है। सरकार ने खिलाड़ियों को तीन सौ पैंतीस (335) करोड़ रुपये से अधिक के नकद इनाम दिए हैं।
    प्रदेशवासियो, भाईयों व बहनों!
    मेरी सरकार महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में, सरकार ने प्रदेश में तैंतीस (33) नए महिला थाने खोलना, दुर्गा शक्ति एप, दुर्गा रैपिड एक्शन फोर्स और दुर्गा वाहिनी की स्थापना जैसी पहल की हैं। हमने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को पच्चास (50) प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया है।
    गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए मुफ्त एम्बुलेंस वैन चलाई जा रही हैं। गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना‘ को लागू करने में हरियाणा को देश में तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश में महिला कल्याण की योजनाओं व कार्यक्रमों पर दो हजार उन्नीस करोड़ चौबीस लाख (2019.24 करोड़) रूपए खर्च किए जा रहे हैं।
    मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के परिणामस्वरूप प्रदेश में लिंगानुपात दर वर्ष दो हजार चौदह (2014) के आठ सो इकहतर (871) के मुकाबले अब नौ सो ग्यारह (911) हो गई है।
    भाईयों व बहनों!
    कृषि हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए सरकार ने किसान भाइयों का जीवन स्तर ऊँचा उठाने के लिए हरसम्भव प्रयास किया है। आज एम.एस.पी. पर चौदह (14) फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इसके अलावा, हमने गन्ने का भाव भी देश में सर्वाधिक तीन सो बासठ (362) रुपये प्रति क्विंटल दिया है।
    प्रदेश में ‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘‘ पोर्टल से फसलों की खरीद को सुविधाजनक बनाया गया है। बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य देने के लिए ‘भावांतर भरपाई योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना के तहत वर्ष 2021 में डी.बी.टी. के माध्यम से दो लाख इकतालीस हजार दो सौ तिहत्तर (2,41,273) किसानों को चार सौ सैंतीस (437) करोड़ रुपये वितरित किए गए। प्राकृतिक आपदा से नुकसान की भरपाई के लिए, इस योजना में शामिल सभी फसलों को ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना‘ में कवर किया गया है। ये योजनाएं लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
    राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से उन्नीस लाख पिच्चासी हजार (19.85 लाख) किसानों को तीन हजार पांच सौ सैतालिस करोड़ (3547 करोड़) से भी अधिक की राशि प्रदान की गई है। चालु वित्त वर्ष में किसान कल्याण के लिए छः हजार चार सौ सतानवें करोड़ (6497 करोड़) रूपए का बजट में प्रावधान किया गया है।
    प्रदेश में कम पानी की फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना शुरू की गई है। अब इसमें एग्रो फोरेस्ट्री को भी जोड़ा गया है। कम पानी में अधिकतम सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना, फव्वारा संयंत्र प्रणाली, टपका सिंचाई और भूमिगत पाइप लाइन बिछाने जैसी योजनाओं पर पिचासी (85) प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।
    पशुपालन भी हमारी आजीविका का प्रमुख साधन है। इसे बढ़ावा देने के लिए हमने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ’पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ शुरू की है। इसमें साठ हजार (60 हजार) पशुपालकों को सात सो छियानवें (796) करोड़ रुपये के ऋण दिए गए हैं।
    प्रदेश में अब दूध का वार्षिक उत्पादन एक सौ बारह लाख चौरासी हजार (112.84 लाख) टन तक पहूॅच गया है। इससे हरियाणा में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी एक हजार साठ (1060) ग्राम हुई है जो देश में दूसरे स्थान पर है।
    प्रिय भाईयों – बहनो!
    पंचायतंे गांवों की सरकार होती हैं। सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को निरंतर सशक्त किया है। ग्रामीण विकास विभाग की सभी योजनाएं जिला परिषदों को हस्तांतरित की हैं। इनमें जिला ग्रामीण विकास एजेंसी, मनरेगा, सांसद आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, स्वर्ण जयंती खंड उत्थान योजना, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण इत्यादि शामिल हैं।
    इसके अलावा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका विकास मिशन के तहत स्वयं सहायता समुहों को मजबुत बनाने के उददेश्य से एक सौ अठावन करोड़ रूपए (158 करोड़) की राशि खर्च की गई है। प्रदेश में इस वर्ष ग्रामीण विकास पर आठ हजार नौ सौ छब्बीस करोड़ रूपए (8926 करोड़) की राशि खर्च की जा रही है।
    ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ‘ग्राम दर्शन पोर्टल’ पर छः हजार दो सो इकसठ (6261) ग्राम पंचायतों का डिजिटल डाटा उपलब्ध है। ग्रामीणों को उनकी सम्पत्ति का मालिकाना हक देने के लिए गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है। इसी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के नाम से पूरे देश में लागू किया गया है।
    ग्रामीण आंचल में जल जीवन मिशन के तहत ’हर घर नल से जल’ योजना के तहत लगभग सभी परिवारों को नल से जल उपलब्ध करवाया जा चुका है।
    गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं विकसित करने के लिए हरियाणा स्मार्ट ग्राम प्राधिकरण का गठन किया गया है। दस हजार तक की आबादी वाले गांवों के लिए ‘दीनबन्धु हरियाणा ग्राम उदय योजना’ तथा इससे अधिक आबादी वाले गांवों के बहुमुखी विकास के लिए ‘महाग्राम विकास योजना’ बनाई गई है। तालाबों के सुधार के लिए हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण गठित किया गया है।
    पर्यावरण, प्रकृति व धरती को बचाने में भी हरियाणा ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नौ सो करोड़ रूपए की लागत से पानीपत में ईथेनॉल बायो रिफाईनरी की शुरूआत की है। रिफाइनरी में पराली, भूसे, गन्ने की खोई व मक्के के भूसे से इॅथेनॉल तैयार होगा और किसानों को अपनी फसल का भूसा जलाना नहीं पड़ेगा बल्कि उनके लिए आमदनी का स्रोत होगा।

    भाइयो और बहनो!
    बिजली विकास का आधार है। आज प्रदेश में उपभोक्ताओं को पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ‘म्हारा गांव जगमग गांव योजना’ के तहत प्रदेश के लगभग अस्सी (80) प्रतिशत गांवों को चौबीस (24) घण्टे बिजली दी जा रही है।
    प्रदेश के शहरों और कस्बों में आधारभूत संरचना सुदृढ़ बनाने पर विशेष बल दिया गया है। नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं के विकास कार्यों के प्रबंधन व निरीक्षण के लिए ऑनलाइन वेबपोर्टल ॅवतो डंदंहमउमदज ैलेजमउ शुरू किया गया है। हमें गर्व है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के परिणामों में हरियाणा को स्टेट अवार्ड मिला है।

    देवियों व सज्जनों!
    हमारी अर्थ-व्यवस्था को आगे बढ़ाने में उद्योगों का बड़ा योगदान है। इसलिए हमने हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 लागू की है। इस नीति का लक्ष्य पांच लाख नई नौकरियों का सृजन करना, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटाना और निर्यात को दोगुणा करना है। हमने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एम.एस.एम.ई. विभाग का गठन किया है।
    हमारी नीतियों के फलस्वरूप स्टार्टअप इण्डिया कार्यक्रम में हरियाणा अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। राज्य में अब तक चार हज़ार (4000) से अधिक युवा स्टार्टअप्स का पंजीकरण हो चुका है।

    प्रिय प्रदेशवासियो!
    सबको सस्ती, सुलभ और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। है। मेरी सरकार इस वर्ष स्वास्थ्य की योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर छः हजार आठ सौ छब्बीस करोड (6826 करोड़) रूपए की राशि खर्च कर रही है।
    प्रदेश में दो सो इकतीस (231) प्रकार के ऑप्रेशन, उनहतर (69) प्रकार के टैस्ट और तेईस (23) प्रकार की दंत चिकित्सा मुफ्त की जाती हैं। साथ ही चार सो साठ (460) दवाइयां भी मुफ्त दी जा रही है।
    ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत सताईस (27) लाख गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का वार्षिक मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा दी गई है। इस समय प्रदेश में तेरह (13) मेडिकल कॉलेज हैं। हमारा लक्ष्य हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलना है।
    मेरा कहने का भाव यह है कि मेरी सरकार ने प्रदेश में नई व्यवस्था व सुशासन स्थापित कर लोगों में नई उम्मीद जगाने का काम किया है। सरकार नई सोच-नये विजन, कठिन परिश्रम और ईमानदारी से हरियाणा के विकास और ’ईज ऑफ लीविंग’ की दिशा में काम कर रही है।
    आइए, स्वतंत्र्ाता दिवस के इस पावन अवसर पर हम अपनी महान सांस्कृतिक परम्पराओं और उच्च नैतिक एवं मानवीय मूल्यों पर चलते हुए राष्ट्र और हरियाणा को स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल व आत्मानिर्भर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लें। तभी हमारे वीर सेनानियों का स्वराज से सुराज का सपना साकार होगा। जय हिन्द !