Close

    श्री चंद जी महाराज के 528वां प्रकाशपर्व, पेहवा, कुरूक्षेत्र

    Publish Date: नवम्बर 20, 2022

    आदरणीय संत बाबा गुरविन्द्र सिंह जी, प्रधान, उदासीन बह्म अखाड़ा साहिब, मंडी
    उपस्थित श्रद्धालु, साद-संगत, भाई-बहनों तथा उपस्थित महानुभाव व मीडिया के बंधुओं!

    धन-धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी!
    सबसे पहले मैं श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में देश-विदेश से समागम में पहुंची साद-संगत को बाबा श्री चंद जी महाराज के 528वें प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। श्री चंद जी महाराज सिक्खों के प्रथम गुरू श्री गुरू नानक देव जी के पुत्र थे। उन्होंने उदासीन संप्रदाय की स्थापना कर सनातनी संस्कृति और श्री गुरू नानक देव जी के विचारों को आगे बढ़ाया।
    गुरू महाराज से कामना करता हूं कि वे पूरी मानवता के जीवन में शांति, समृद्धि एवं शक्ति बख्शें तथा चारों ओर तरक्की हो, सब खुशी से बसें और गरीबों के उत्थान में कार्य करें।
    भाईयों-बहनों!
    उदासीन श्रद्धालु!
    पंच प्रकृति (जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश) में विश्वास रखने वाले सभी श्रद्धालु सनातन धर्म में भी विश्वास रखते हुए समाज कल्याण में लगे हुए हैं। श्री गुरू श्री चंद जी महाराज ने गरीब, असहाय की सेवा व सर्व-कल्याण की भावना को समाज में प्रचारित किया, जिसकी अनुपालना आाज भी उनके अनुयायी बदस्तूर कर रहे हैं।
    आप लोग सिखों के पूज्य श्री गुरू ग्रंथ साहिब को विशेष महत्व देते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि उदासीन संप्रदाय सनातन और सिक्ख धर्म का संगम व त्रिवेणी है। संप्रदाय के लोग सनातनी संस्कृति के अनेक व्रतों एवं त्योहारों को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। परंतु संप्रदाय का विशिष्ट उत्सव श्री चंद जी की जयंती जो आज है, यह न केवल हरियाणा, पंजाब बल्कि पूरे देश व पाकिस्तान, अफगानिस्तान में भी बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है।
    उदासीन दार्शनिक विचारधारा को ज्ञानप्रधान भी कहा जाता है। उदासीन विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए काशी, वृंदावन एवं हरिद्वार जैसे कुछ स्थानों में पृथ्क पाठशालाएँ चलाई जा रही हैं जहाँ अधिकतर संस्कृत भाषा में रचित धार्मिक ग्रंथों का अध्यापन होता है। इस प्रकार से इस विचारधारा के माध्यम से देश की संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो रहा है।
    महापुरूषों के जन्मदिवस मनाने, भारतीय संस्कृति के विकास व अध्यात्म के प्रचार-प्रसार से किए गए अनुष्ठानों के आयोजन से समाज में आस्था और दिव्यता का प्रकाश होता है। साथ ही ऐसे आयोेजनों से मन में शांति व संतुष्टि मिलती है, जो व्यक्ति के जीवन के लिए नितान्त जरूरी है। इसी परंपरा का निर्वहन उदासीन बह्म अखाड़ा मण्डी निरंतर कर रहा है। इसके लिए हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।
    मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि उदासीन ब्रहम अखाड़ा मण्डी की ओर से हर साल भगवान बाबा श्री चन्द जी महाराज के जन्म दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर, गरीब कन्याओं की शादियां, दिव्यागों के लिए ट्राई साईकिल और खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। बाबा श्री चंद जी महाराज ऐसे महापुरूष हुए हैं जिनका कहना है कि समाज में सबसे श्रेष्ठ व उत्तम पुरूष वह है जो हमेशा समाज की भलाई के लिए सोचता है। उन्हीं की शिक्षाओं को संत बाबा गुरविन्द्र सिंह जी बढ़ावा दे रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी नशे से बुरी तरह से ग्रस्त होती जा रही है, उनके लिए ऐसे आयोजनों से अमृत संचार कर समाज को व युवा पीढ़ी को नई दिशा देने का काम कर रहे हैं।
    मैं समूह साद-संगत से अनुरोध करता हूं कि आप सब भी उदासीन संप्रदाय की शिक्षाओं के अनुरूप गुरू श्री चंद जी महाराज के बताए मार्ग पर चलकर राष्ट्र व समाज कल्याण के लिए कार्य करें।

    एक बार फिर मैं आज श्री गुरू चंद जी महाराज के प्रकाशोत्सव को बहुत ही भव्य तरीके से मनाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं और संत श्री बाबा गुरविन्द्र सिंह का धन्यवाद करता हूं कि उन्हें मुझे इस पवित्र कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्रदान किया। आप सभी का धन्यवाद।
    जय हिन्द!