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    शहीद लैफ्टीनैंट किरण शेखावत राजकीय महिला महाविद्यालय, सलाहेड़ी (नूह)

    Publish Date: दिसम्बर 6, 2021

    उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह जी, नूह
    वरूण सिंगला जी, पुलिस अधीक्षक, नूह
    श्रीमती सुमिता ढ़ाका जी अतिरिक्त उपायुक्त,
    सुश्री सलोनी शर्मा जी, उपमण्डलाधीश
    डा. श्रुति जी, प्राचार्य शहीद लैफ्टीनैंट किरण शेखावत राजकीय महिला महाविद्यालय, सलाहेड़ी
    उपस्थित सभी अधिकारीगण, प्रो. साहेबान पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं।
    आज रक्तदान शिविर, कोरोना योद्धाओं के सम्मान कार्यक्रम में पहुंचकर और आप लोगों से मिलकर मुझे अत्यंत खुशी हो रही है।
    रक्तदान शिविर व सम्मान समारोह आयोजित करने के लिए मैं आयोजकों को शुभकामनाएं देता हूँ। मैं सभी रक्तदाताओं को बधाईं देता हूं। साथ ही साथ कोरोना योद्धाओं को शुभकामनाएं देता हूँ, जिन्होंने कोविड महामारी से बचाव के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर आमजन को संक्रमण से बचाने का कार्य किया है।
    आज हमारे बीच में 10 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया जाना है। जिनमें पैरामेडिकल स्टाफ व कॉलेज के विद्यार्थी भी शामिल हैं।
    आज संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर जी का परिनिर्वाण दिवस है। मैं बाबा साहेब को नमन करते हुए कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ। बाबा साहेब एक महान देश-भक्त, समाज सुधारक, विधिवेता और भारतीय संविधान के निर्माता थे। आज उन्हीं के द्वारा निर्मित संविधान के आधार पर देश निरंतर प्रगति कर रहा है।

    आजादी के समय देश विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, धर्मों, पंथों, और सम्प्रदायों में बटा हुआ था। देश में उस समय सभी के लिए समान कानून और संविधान देना बहुत ही कठिन था, लेकिन बाबा साहेब ने समतामूलक संविधान की रचना की और देश को एकसूत्र में पिरोया।
    सामाजिक और आर्थिक विकृतियों को दूर करने के लिए बाबा साहेब ने लोकसभा व विधानसभाओं के साथ-साथ सरकारी नौकरियों में गरीब व दबे-कुचले लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया।

    इसी आरक्षण की बदौलत आज समाज में दलित, पिछड़ों व वचितों को पहचान मिली है।
    डा. भीम राव अम्बेडकर जी एक कर्मयोगी थे। उन्होंने देश के दबे-कुचले और गरीब व पिछड़े लोगों को तीन सूत्र दियेः-
    1. शिक्षित बनो
    2. संगठित रहो
    3. संघर्ष करो
    देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा साहेब के सम्मान में जो कार्य किए है उनसे गरीब समाज के लोगों को सम्मान मिला है। आज देश में एक सामाजिक समरसता का वातावरण कायम हुआ है।
    एक और खुशी की बात है कि आज के कार्यक्रम में इस महाविद्यालय की पूर्व छात्राओं को आमन्त्रित किया गया है। मैं सभी पूर्व छात्र-छात्राओं को साधुवाद देता हूँ।
    पूर्व छात्र किसी भी शिक्षण संस्थान की धरोहर व पूंजी होते हैं। पूर्व छात्र संस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ वर्तमान मे पढ़ रहे छात्रों को शिक्षा से सम्बंधित बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा सकते है।
    विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्रों का जहां एक सफल उद्यमी, प्रशासनिक अधिकारी व समाज सेवी के रूप में समाज व राष्ट्र की तरक्की के लिए बड़ा योगदान है, वहीं देश व प्रदेश में शिक्षा का वातावरण बनाने में अति महत्ति भूमिका है ।
    आज गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ कौशल एवं व्यावसायिक शिक्षा का युग है। व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त कर युवा देश के विकास में भागीदार हो सकते हैं। इसलिए आप सभी पूर्व छात्र अपने शिक्षण संस्थान से पूरे प्यार, लगाव व सम्मान के साथ जुड़े रहें और समय-समय पर छात्रों को अपने अनुभवों से लाभान्वित करते रहंे।
    मैं आज के इस सफल कार्यक्रम पर आप सबकों हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूँ।

    जय हिन्द ! जय हरियाणा !