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    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2022 पर आयोजित हरियाणा विज्ञान रत्न एवं युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार

    Publish Date: फ़रवरी 28, 2022

    आदरणीय श्री मनोहर लाल जी, मुख्यमंत्री हरियाणा
    आदरणीय श्री अनिल विज जी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री।
    आदरणीय श्री संजीव कौशल जी, मुख्य सचिव
    डा0 अशोक खेमका जी, प्रधान सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
    उपस्थित सभी वैज्ञानिक, महानुभाव, युवा, भाइयों-बहनों अधिकारीगण व पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं !
    मैं साईंस एवं टैक्नोलोजी विभाग द्वारा आयोजित हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार समारोह में शामिल होकर अत्यंत गौरव का अनुभव कर रहा हूं।
    आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं। साथ ही साथ कार्यक्रम के लिए आयोजकों का आभार प्रकट करता हूं और सभी प्रदेशवासियों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
    भाईयों-बहनों !
    राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारतीय महान वैज्ञानिक डा0 चन्द्रशेखर वेंकटरमन (सी.वी रमन) द्वारा ‘‘रमन इफैक्ट’’ के अविष्कार के लिए इस महान वैज्ञानिक की याद में मनाया जाता है। इस महान रिसर्च के लिए मैं महान वैज्ञानिक डा0 सी.वी रमन को नमन करता हूँ।
    यह आविष्कार प्रकाश के विस्तरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण खोज थी। आज इस अनुठे अनुसंधान का प्रयोग दवाओं की गुणवत्ता व कैंसर रोगी में टयूमर की संरचना को समझने के लिए किया जाता है। हम इसे कैंसर उपचार के लिए एक प्रभावी भारतीय आविष्कार कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
    विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान अर्थात् जिस विषय में मानवीय अनुसंधान/आविष्कार एवं रिसर्च से विशेष ज्ञान होता है उसे विज्ञान कहते है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया था।

    उनके इस नारे से प्रेरित होकर देश के जवानों ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे किए। देश के किसानों ने नई वैज्ञानिक पद्धतियों का प्रयोग कर खाद्यानों के भण्डार भर डाले। यह विज्ञान का ही कमाल था।
    इसी क्रम में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 1999 में जय जवान-जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा दिया, जिसके अंतर्गत भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को विज्ञान के क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाई।
    देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जय विज्ञान के नारे से आगे बढ़ते हुए जय अनुसन्धान का नारा दिया है। इस नारे को साकार करने के लिए हमारे वैज्ञानिक निरन्तर नए खोज व अनुसन्धान कर रहे हैं।
    शिक्षा के क्षेत्र में वैज्ञानिक शौध, विचारों और तकनीकों से नई पीढ़ी के युवाओं में विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ा है। केन्द्र सरकार ने भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक लाख 12 हजार करोड़ रूपये की राशि का आगामी 2022-23 में प्रावधान किया है।
    हमारे देश में विज्ञान के विकास का ताजा उदाहरण हम सबके सामने है। विगत दो वर्षों से पूरा विश्व कोविड-19 की चपेट में है। वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम व नई खोज से इस संक्रमण से बचाव की वैक्सीन तैयार की गई। भारत में बनी कोवैक्सीन और कोविशिल्ड विश्व के 90 से भी अधिक देशों में भेजी गई।
    इससे दुनिया के करोड़ों लोगों को टीकाकरण हुआ है। इतना ही नहीं देश ने भी टीकाकरण के मामलें में शत-प्रतिशत वयस्क लोगों को वैक्सीन देने की महान उपलब्धि हासिल की है।
    यह हमारे वैज्ञानिकों द्वारा किया गया अद्भूत कार्य हम सबको गौरवान्वित करने वाला है। हरियाणा ने भी वैक्सीन के मामलें में बेहतरीन कार्य किया है।
    हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। इसलिए कृषि क्षेत्र में नवीन खोजों के लिए यहां बड़ी संभावनाएं हैं। हरियाणा सरकार ने विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए है।
    सरकार द्वारा स्कूल स्तर से ही विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान की जा रही है।
    केन्द्र सरकार की सहयता से एन.सी.आर क्षेत्र में 191 करोड़ रूपये की लागत से सांईंस सिटी स्थापित करने की योजना है। राज्य सरकार द्वारा 85 करोड़ रूपये की लागत से अम्बाला में आर्य भट्ट विज्ञान क्रेन्द्र स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजनाएं हमारे विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होंगी।
    राज्य सरकार द्वारा विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय प्रतियोगताओं में भाग लेने वाले होनहार विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाता है। साथ ही साथ अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलम्पियाड में पदक जीतने पर लाखों रूपए की राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है।
    राज्य के प्रमुख वैज्ञानिकों को हरियाणा विज्ञान रत्न और हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार देकर सम्मानित किया जा रहा है।
    मुझे पता चला है कि राज्य के प्रत्येक जिले के 10-10 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान क्लबों की स्थापना की जा रही है। इससे युवा छात्रों के बीच वैज्ञानिक सोच व जागरूकता पैदा होगी।
    मैंने सभी विश्वविद्यालयों के प्रशासन से कहा है कि वे छात्रों को बेहतर प्रयोगशाला/लैब उपलब्ध करवाएं ताकि छात्र नए अनुसंधान कर सकें। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय अपने द्वारा किए गए अनुसंधानों को पैटेंट करवाए जिससे वोकल फॉर लोकल का सपना साकार होगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
    भारत के वैज्ञानिकों ने दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। जिनमें डा0 सी.वी.रमन के साथ-साथ डा0 हरगोविंद खुराना, डा0 सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर व डा0 वेंकटरमन रामाकृष्ण ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया है।
    इनके साथ-साथ प्रो0 जगदीश चंद्र बसु, प्रफुल्ल चंद्र राय, सत्येंद्रनाथ बोस, मेघनाथ साहा, प्रशांतचंद्र महाल लोबिस, श्रीनिवास रामानुजम आदि का विज्ञान व अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान है।
    हरियाणा की बेटी कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में पहुंचकर न केवल भारत में बल्कि दुनिया में प्रदेश को नई पहचान दी है। आज इस बेटी पर पूरा विश्व गर्व करता है।

    आज विश्व हमारी युवा पीढ़ी की प्रतिभा का लोहा मानता है। हम अपने वैज्ञानिकों को सम्मानित कर भारतीय वैज्ञानिक प्रतिभा का सम्मान कर रहे हैं।
    मैं यहां सम्मानित होने वाले वैज्ञानिकों को पुनः बधाई देता हूं और इस आयोजन के लिए सरकार की सराहना करता हूं।

    जयहिन्द-जय हिन्द!