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    राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय राजभवन में आयोजित एक दिवसीय वर्चूअल कार्यशाला में कुलपति व कुलसचिवों को सम्बोधित करते हुए

    Publish Date: फ़रवरी 21, 2022

    चण्डीगढ़, 21 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सीखने और सीखाने की सतत प्रक्रिया जारी रहे जिससे प्रोफसर और प्राध्यापकों के बौधिक स्तर में तो वृद्वि होगी ही और साथ में छात्रों को गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त होगी। श्री दत्तात्रेय सोमवार को राजभवन से एक दिवसीय वर्चूअल कार्यशाला में कुलपति व कुलसचिवों को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में महर्षि दयानन्द युनिवर्सिटी, रोहतक, कुरूक्षेत्र युनिवर्सिटी, कुरूक्षेत्र, चौ0 देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा, भगत फूल सिहं विश्वविद्यालय, सोनीपत तथा इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपूर के कुलपति व कुलसचिव वर्चूअल रूप से जूड़े तथा सम्बन्धित विश्वविद्यालयों में शिक्षा सम्बन्धि गतिविधियों का ब्योरा दिया। कार्यशाला में उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री आनन्द मोहन शर्ण, सचिव राज्यपाल श्री अतुल द्विवेदी, निदेशक श्री राजीव रतन, अतिरिक्त निदेशक श्री हेमन्त वर्मा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने अपने सम्बोधन में उद्यमिता, स्टार्ट-अप, इनोवेशन, अनुसंधान कार्यो से सम्बन्धित सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विश्वविद्यालय परिसरों में बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार करने पर बल दिया। उन्होनें कहा कि अनुसुचित जाति, पिछड़े वर्ग के लोगों व महिलाओं को शिक्षा सम्बन्धि और सुविधाएं दी जानी चाहिए । इसके साथ – साथ छात्रों को नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ाएं।
    उन्होनें कहा कि कौशलता विकास के लिए औद्योगिक इकाईयों से सम्पर्क और विश्वविद््यालयों में इनक्यूवेशन सैन्टरों की स्थापना की जानी जरूरी है। इसके साथ-साथ जोब-प्लेसमैंट की व्यवस्था जरूरी है। इनके लिए पूर्व छात्रों ;एल्यूमनाईद्ध का भरपूर सहयोग लिया जा सकता है। उन्होनें कहा कि छात्रों को देश में ही रोजगार मिले इसके लिए केन्द्र सरकार 51 हजार करोड़ रू की राशि खर्च कर रही है।
    उन्होनें कहा कि विश्वविद््यालयों में एकेडमिक सैशन का निश्चित शैड््यूल तैयार करने के साथ साथ परीक्षा और परिणाम सम्बन्धित कार्यो में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति के तहत सरकार द्वारा शिक्षा को डिजिटल रूप देने से इन्टरनेट आफॅ थिंग्स, रोबोटिक्स, ब्लाकचेन टेक्नालाजी की ओर बढ़ा जा सकता है। उन्होनें विश्वविद््यालयों का आहवान किया वे हरियाणा को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ले जाने वाले प्रोजेक्ट तैयार करे।
    उन्होने कहा कि समाजिक कुरितियों जैसे नशा, अपराध, दहेज प्रथा को मिटाने में युवाओं को प्रशिक्षित कर अभियान के लिए गा्रमीण व शहरी क्षेत्र में उनकी सेवाएं ले। पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता, डिजीटल, फिट-इण्डिया जैसे कार्यक्रमों से जोड़ कर युवा शक्ति का भरपूर उपयोग करें।
    उन्होने कहा कि युवाओं को स्वतन्त्रता सेनानियों व आजादी से जुड़ी घटनाओं व ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में रूबरू करवाने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों से जोड़े जिससे युवा शक्ति का नव भारत के निर्माण में योगदान होगा।
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