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    यूरो इंटरनेश्नल स्कूल द्वारा आयोजित अभिनन्दन समारोह 18 अप्रैल 2022 को गुरूग्राम में दिए जाने वाले भाषण का प्रारूप

    Publish Date: अप्रैल 18, 2022

    इस कार्यक्रम में उपस्थित
    श्री रविन्द्र राजू जी,
    स्कूल के चेयरमैन श्री सत्यवीर यादव जी
    निदेशक, सुश्री स्वाति यादव जी
    निदेशक, श्री नितिन यादव,
    यूरो समूह के विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, अभिभावकगण प्रिय विद्यार्थियों, पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं।
    यह आपके स्कूल के लिए बहुत ही गर्व का विषय है कि आज आपके विद्यालय के 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों के सम्मान में यह अभिनन्दन समारोह आयोजित किया जा रहा है। ऐसे कार्यक्रम में पहुंचकर मैं अति हर्षित हुआ हूं कि हमारे प्रदेश के अनेक बच्चों ने प्रतिष्ठित सैनिक स्कूलों व अन्य उच्च कोटि के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाया है। इसके लिए मैं आपके विद्यालय की प्रबंध समिति, अध्यापकगण, अभिभावकों तथा सभी सफल विद्यार्थियोें को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
    बच्चों में शारीरिक और बौद्धिक क्षमताओं की कमी नहीं होती है। वे इसका जितना अधिक उपयोग करेंगे, उतना ही आपकी क्षमताओं में निखार आने लगता है। इसके लिए आपको निरंतर परिश्रम कड़ी तपस्या करनी पड़ती है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि
    हितभुक, मितभुक और ऋतभुक
    आहार का सेवन करना चाहिए। अर्थात विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई के समय हमेशा अपने शरीर व बुद्धि को पुष्ट करने वाला आहार लेना चाहिए। इतना ही नहीं ऋतु के अनुसार हमेशा भूख से कम खाना चाहिए। इससे विद्यार्थी में तन्द्रा अर्थात आलस्य नही आता और वे पढ़ाई में अपना पूर्ण ध्यान लगा सकते हैं।
    जीवन में आलस्य, विद्या का सबसे बड़ा शत्रु होता है। कहते है कि –
    अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् ।
    अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम् ॥
    इसका अर्थ है कि
    आलसी इन्सान को विद्या कहाँ ? विद्याविहीन को धन कहाँ ? धनविहीन को मित्र कहाँ ? और मित्रविहीन को सुख कहाँ ?
    इसलिए जीवन में सुख की कामना करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को आलस्य का त्याग करना होगा।
    शिक्षा प्राप्त करके आप दुनिया को बदल सकते हो। युवा विवेकपूर्ण होने पर बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। परन्तु इससे आप में अहंकार की भावना नहीं आनी चाहिए।
    आपको यह हमेशा याद रखना चाहिए कि आपके द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धि में माता-पिता, शिक्षकों तथा समाज के अनेक लोगों का मार्गदर्शन और योगदान रहता है। इन लोगों के प्रति आपके मन में हमेशा त्याग और सर्म्पणता के भाव रहने चाहिए।
    कोविड महामारी ने इतिहास में शिक्षा प्रणालियों में सबसे बड़ा व्यवधान पैदा किया, जिससे लगभग 1.6 बिलियन शिक्षार्थी प्रभावित हुए। स्कूलों और अन्य शिक्षण स्थानों के बंद होने से दुनिया की करीब चौरानवे (94) प्रतिशत छात्र आबादी प्रभावित हुई। परन्तु, इस संकट ने हमें शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए भी प्रेरित किया है। अब आपको उस कमी को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है।
    मेरी सरकार ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और अध्यापकों के लिए अनेक लाभकारी योजनाएं शुरू की है। केंन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (ब्ज्म्ज्) को हरियाणा में श्रठज् व ज्ळज् के एचटेट के समकक्ष मान लिया गया है।
    हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दो हजार पच्चीस (2025) तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें केजी से पीजी तक की पढ़ाई एक ही छत के नीचे करवाने की योजना है। कोविड महामारी के चलते विद्यार्थियों के लिए अवसर ऐप तथा एजुसेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई।
    प्रदेश सरकार ने 9वीं से 12वीं की कक्षाओं के विद्यार्थियों को ब्ंतममत ब्वनदेमससपदह तथा ळनपकंदबम उपलब्ध करवाने के लिए न्उममक ब्ंतममत च्वतजंस शुरू किया गया है। स्कूलों को सौर पैनल, स्मार्ट क्लास रूम व आधुनिक ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।
    हरियाणा सरकार ने राज्य में कुल 138 नए राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनाये गये हैं, जिनका ब्ठैम् से ।ििपसपंजपवद करवाया जा चुका है। इन विद्यालयों में कक्षा 5वीं से ही कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रदेश में पहली बार ब्ठैम् बोर्ड के सरकारी स्कूल बनाए जा रहे हैं।
    इतना ही नही। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसलिए शिक्षा हमारे जीवन का अमूल्य अंग है, जिसको ग्रहण करने के लिए हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए।
    अंत में, मैं आपसे यह कहना चाहूंगा कि ज्ञान से व्यक्ति जीवन में महान उद्देश्य की प्राप्ति करता है। ज्ञानवान बनने से ही आप अपने माता-पिता व देश का नाम रोशन कर सकेंगे।
    धन्यवाद
    जयहिन्द