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    पंचकूला में बाल कल्याण पुरस्कार वितरण समारोह

    Publish Date: जून 12, 2022

    हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता जी,
    महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा जी,
    सांसद श्री रतन लाल कटारिया जी,
    श्री अतुल द्विवेदी जी,
    हरियाणा बाल कल्याण परिषद् की महासचिव श्रीमती रंजीता मेहता जी,
    महिला एवं बाल कल्याण परिषद् की निदेशक हेमा शर्मा जी
    पंचकूला के उपायुक्त महावीर कौशिक जी
    मेयर श्री कुलभूषण गोयल जी।

    उपस्थित अधिकारीगण एवं प्रिय बच्चों।
    बच्चे हमारे देश का भविष्य है, जिनका पालन, रक्षण और संरक्षण करना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व होता है। हर माता-पिता सामर्थ्य के अनुसार अपने बच्चों की देखरेख करते है परन्तु कमजोर वर्ग के बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए हरियाणा बाल कल्याण परिषद् अहम् कार्य कर रही है। इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं।
    करीब पांच दशक से राज्य में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् बच्चों के कल्याणार्थ अपनी सेवाएं दे रही है। इसके लिए अनेक गतिविधियां लगातार चलाई जा रही है। प्रदेशभर में चलाए जा रहे बाल भवनों एवं लघु बाल भवनों के माध्यम से 18 वर्ष तक के बच्चों को विभिन्न प्रकल्पों का प्रशिक्षण देना सराहनीय कार्य है।
    आज परिषद् द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले करीब साढे पांच सौ (550) बच्चों को आज पुरस्कृत किया जा रहा है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी बच्चों, उनके अभिभावकों तथा परिषद् के अधिकारियों को मैं शुभकामनाएं देता हूं और उनके सफल जीवन की कामना करता हूं।
    जैसा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि इन पुरस्कारों के लिए परिषद ने प्रदेश भर के उन बच्चों का चयन किया है, जिन्होंने क्विज, स्कैचिंग ऑन द स्पॉट, रंगोली, पोस्टर मेकिंग, फन गेम, सोलो सोंग, सोलो डांस, क्ले मॉडलिंग, फैंसी ड्रेस सहित अनेक राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। यह बडा ही हर्ष का विषय है कि इन प्रतियोगिताओं में प्रदेशभर के लगभग एक लाख सैंतीस हजार बच्चों ने भाग लिया था।
    जैसा कि मुझे बताया गया है कि इन बाल भवनों में कंप्यूटर केंद्र, क्राफ्ट केंद्र, शिशु पालन केंद्र, बाल पुस्तकालय, मॉडल डे केयर केंद्र, प्रतिभा खोज सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाएं जाते हैं। इतना ही नही, परिषद् बालगृहों के माध्यम से अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को आवासीय सुविधाएं भी प्रदान कर रही है। ऐसा करने से बच्चों के उत्थान का मार्ग प्रशस्त होता है।
    इसके अलावा बाल भवन द्वारा दत्तक ग्रहण, स्पेशल एडॉप्शन कार्यक्रम, प्रारंभिक कक्षाएं, सांयकालीन कक्षाएं तथा स्पेशल बच्चों के लिए प्रयास स्कूल, नशा मुक्ति केंद्र, परिवार परामर्श केंद्र व अन्य कार्यक्रम भी अनुक्रणीय है। इसके साथ ही गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए ओपन शेल्टर होम, कोचिंग एवं मार्गदर्शक कक्षाएं भी चलाना भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।
    ‘हुनर को उड़ान देना, चेहरों पर मुस्कान लाना’
    बच्चों आपके लिए यह एक अच्छा स्लोगन है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमें अपने बच्चों एवं युवाओं को हूनर से रोजगार की नई परिकल्पना दी है। इस पर कार्य करते हुए हमें युवाओं को प्रशिक्षित करने पर बल देना चाहिए है ताकि हम जिस भी कार्य का संकल्प ले उसमें हमें सिद्धि प्राप्त हो सके।
    बच्चे यदि अपनी प्रतिभा को निखारेंगे तो उनके सपनों को पूरा होने से कोई नही रोक सकेगा। हमारे महापुरूषों ने कहा कि…
    सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम् अहार्यत्वादनर्घत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा
    अर्थात-विद्वान् लोग विद्या और हूनर को ही सर्वाेत्तम मानते हैं, क्योंकि इन्हें कभी न चुराये जाने डर है और न ही इनका कभी क्षय नही होता है।
    इसलिए परिषद् के अधिकारियों को चाहिए कि वे बच्चों को नैतिकता एवं स्वावलम्बन की न केवल शिक्षा प्रदान करें बल्कि उन्हें स्वावलम्बी बनने में सहयोग भी करे। आप बच्चों की रूची समझकर उन्हें भविष्य का मार्ग दिखाए ताकि वे बडे होकर एक शिक्षित और उच्च कोटी का नागरिक बन सके।
    अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् द्वारा बच्चों के कल्याण के लिए हमेशा नए सृजनात्मक कार्यक्रमों को शामिल करना चाहिए तथा उनका उज्जवल भविष्य बन सके।
    धन्यवाद !

    जयहिन्द!