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    निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला में सम्बोधन

    Publish Date: सितम्बर 9, 2021

    सबसे पहले मैं आज की इस कार्यशाला में हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी, हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् के चेयरमैन प्रो. बी. के. कुठियाला जी तथा उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री चन्द्र शेखर खरे जी व निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण व कुलसचिवगण के साथ-साथ अन्य अधिकारीगण का राजभवन प्रांगण में हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ।
    आज निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण और कुलसचिवगण के साथ यह मेरी पहली बैठक है जिसका उद्देश्य आपसे परिचय करना है तथा आप लोगों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करना भी है।
    मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने पर आप सभी को बधाई देता हूँ। यह प्रधानमंत्री जी का एक क्रान्तिकारी कदम है। मेरा विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के लागु होने से पूरे देश में एक नए युग की शुरूआत हुई है, जिससे नए भारत का नव-निर्माण होगा और युवाओं का भविष्य स्वर्णिम करने मंे सहयोगी होगी।
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को देश में सफलतापूर्वक रूप से लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस नीति के तहत विश्वविद्यालयों में वर्तमान की मांग के अनुसार नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किए जाने हैं। मुझे पता चला है कि कुछ विश्वविद्यालय तो नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत कर चुके हैं। इसलिए मैं इन सभी कुलपति व विश्वविद्यालयों के प्रशासन को साधुवाद देता हूँ।
    समानता, न्याय, बंधुत्व, समान शिक्षा-सबको शिक्षा मिशन के लिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है जिससे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। विश्वविद्यालय ही इस महान कायापलट के वाहक होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जो भारत-केंद्रित शिक्षा, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली, रोजगारोन्मुखी, कौशल प्रदान शिक्षा की कल्पना करती है।
    नई शिक्षा नीति जहां युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी, वहीं वर्तमान मांग के अनुसार उच्च गुणवत्ता के शिक्षक तैयार करने में कारगर होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को देश में सफलतापूर्वक रूप से लागू करने में विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
    इस नीति की एक और विशेषता यह है कि सभी तरह के वैज्ञानिक एवं सामाजिक अनुसंधान कार्यों को ‘‘नैशनल रिसर्च फाउडेशन’’ बनाकर नियंत्रित किया जाएगा। जिससे शोद्यार्थियों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
    विश्वविद्यालयों में किए गए शौधकार्य केवल प्रयोगशाला का कार्य न होकर मानव व समाज कल्याण के लिए उपयोगी बने, ऐसी व्यवस्था पर सभी विश्वविद्यालय प्रशासनों को और अधिक ध्यान देना होगा। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालयों को विकसित देशों के विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू साईन करके विश्वस्तर पर शिक्षा में हो रहे अनुसंधान और रिसर्च कार्यों से विद्यार्थियों को रू-ब-रू करवाना होगा।

    मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूँ कि इन्होंने हरियाणा में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षा सम्बन्धी बजट में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी।
    हरियाणा सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल कार्यक्रमों को पूरी तरह लागू किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में स्वयं ;ैॅ।ल्।डद्ध, सार्थक ;ै।त्ज्भ्।ज्ञद्ध, विद्या प्रवेश ;टप्क्ल्। च्।त्टम्ैभ्द्ध , दिक्षा ;क्प्ज्ञैभ्।द्ध, सफल ;ै।थ्।स्द्ध, नैडर ;छक्म्।त्द्ध ,नेट्फ ;छम्ज्थ्द्ध निष्ठा-2.0 ;छप्ैभ्ज्भ्। 2ण्0द्ध , कार्यक्रम शामिल हैं।
    इसके साथ-साथ ही नई शिक्षा नीति में सांकेतिक एवं चिन्हित भाषा का प्रयोग, एक भारत-श्रेष्ठ भारत तथा वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफार्म आदि कार्यक्रमों को भी पूरी तरह लागू करने में राज्य सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
    अंत में मैं एक बार फिर आप सभी का धन्यवाद करते हुए गुजारिश करूंगा कि शिक्षा की इस क्रान्ति में हम सब बढ़-चढ़ कर भाग लें और भारत के भविष्य की नई पीढ़ी को नई शिक्षा नीति के अनुरूप ढ़ालंे। यह देश हित के साथ-साथ हम सब के हित में होगा।
    धन्यवाद जय हिन्द!