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    तीन दिवसीय राज्य स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी उद्घाटन समारोह (भिवानी)

    Publish Date: फ़रवरी 25, 2022

    आदरणीय श्री पुरूषोत्तम रूपाला जी, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री
    आदरणीय श्री जे.पी. दलाल जी, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री, हरियाणा सरकार
    डा0 विनोद कुमार वर्मा जी, कुलपति लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार
    श्री पंकज अग्रवाल जी, आयुक्त एवं सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग
    श्री आर.एस. ढिल्लों जी, उपायुक्त भिवानी
    डा0 बीरेन्द्र कुमार लौरा, महानिदेशक पशुपालन एवं डेयरी विभाग
    श्री एस.के. बागोड़िया, प्रबन्ध निदेशक हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड, हरियाणा

    प्रदेशभर से आए किसान, पशुपालक भाइयों और कृषि एवं पशुपालन विभाग के अधिकारीगण व पत्रकार एवं छायाकार बन्धुओं !

    हरियाणा पशुपालन व डेयरी विभाग द्वारा आयोजित 38 वीं राज्य पशुधन प्रदर्शनी- 2022 के उद्घाटन अवसर पर आप सबके बीच आकर मुझे बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है।

    सर्वप्रथम मैं इस प्रदर्शनी के आयोजन के लिए पशुपालन व डेयरी मंत्री श्री जे.पी दलाल व इनकी पूरी टीम को तथा पशुपालक भाईयों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।
    मुझे विश्वास है कि यह पशुधन प्रदर्शनी हरियाणा प्रदेश में पशुधन को बढ़ावा देने में बेहद सहायक होगी ।

    देश में यह कहावत मशहुर है-
    देसां में देस हरियाणा
    जित दूध दही का खाणा!
    प्यारें भाईयों और बहनों ! हमारे पशुपालक भाईयों ने इस कहावत को बखुबी चरितार्थ किया है। आज हरियाणा इसी दूध दही के खाणें की बदौलत भारतीय सेना, खेलों और कृषि क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहा है। इसके लिए मैं सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूँ।
    मैं आयोजकों की सराहना करता हूं कि आपने इस मेले में किसानों, पशुपालकों, वैज्ञानिकों, व डेयरी, मुर्गीपालन के विशेषज्ञों आदि को एक ही परिसर में लाकर उन्हें आपसी तालमेल का अवसर प्रदान किया है।
    आज हरियाणा गेहूं की औसत पैदावार में देश में सबसे अधिक है। इसका श्रेय सरकार के साथ-साथ किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को जाता है। केवल खाद्यान्न उत्पादन ही नहीं दूध उत्पादन में भी प्रदेश ने नई उंचाइयाँ छूई हैं। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 1142 दूध की उपलब्धता में हरियाणा आज पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।
    कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश के 65 प्रतिशत लोग कृषि पशुपालन व इनसे जूड़े हुए व्यवसायोेें में कार्यरत हैं। इसलिए किसानों व पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करना सरकार का मुख्य एजेंडा है। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार ने किसान कल्याण से सम्बन्धित अनेक योजनाएं तैयार की है।
    देश में पशुधन, मत्स्य, पॉल्ट्री तथा डेयरी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नए स्वतंत्र मंत्रालय का गठन किया गया है। इस मंत्रालय के मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला जी हैं। इनके नेतृत्व में यह विभाग निरंतर प्रगति के पथ पर है।
    इस मंत्रालय के तहत केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, कुक्कुट विकास और चारा विकास पर उपमिशन गठित किए गए हैं। इन पर 1200 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है।
    इसी तरह के वहाईट रिवोल्यूशन (श्वेत क्रान्ति) के लिए इस वर्ष 1650 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है।
    पशुधन, मत्स्य तथा डेयरी विकास के लिए देश में वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 4000 करोड़ रूपये से भी अधिक की राशि खर्च की जा रही है। वर्ष 2022-23 के लिए बजट में पशुधन विकास, मत्स्य, डेयरी विकास के लिए 6400 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष से 48 प्रतिशत अधिक है।
    देश में मछली उत्पदान को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2024-25 तक 20 हजार करोड़ रूपये से भी अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
    योजना के तहत प्रतिवर्ष मछली पालन के क्षेत्र में 9 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि होगी, जिससे 2025 तक मिलियन मिट्रिक टन उत्पदान का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
    देश में पशुधन (भैंस, भेड़, बकरी और सुअर की आबादी का टीकाकरण करने के लिए 2019 में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसके तहत आगामी 2024 तक 13,343 करोड़ रूपये की राशि पशु स्वास्थ्य पर खर्च की जाएगी।
    देश और प्रदेश में किसानों की आर्थिक दशा मजबूत करने के लिए कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मछलीपालन, बकरी व भेड़ पालन पोल्ट्री बागवानी जैसे व्यवसायों की योजनाओं से लाभान्वित करना होगा जिससे देश में एक और श्वेत व नीली क्रांति आएगी। ये क्रांति सरकार, कृषि वैज्ञानिकों, किसानों, पशुपालकों व कृषि क्षेत्र में नए स्टार्ट-अप शुरू करने से सफल होंगी।
    प्रदेश में डेयरी स्थापित करने वाले लाभार्थी को बैंक-ऋण पर ब्याज अनुदान के साथ-साथ 25 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है।
    प्रदेश में मुख्यमंत्री अन्तोदय परिवार उत्थान योजना के तहत आगामी 2022-23 में योजना के तहत 25 हजार (डेयरी, भेड़-बकरी, सूकर और पोल्ट्री बैकयार्ड) इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
    हरियाणा में गौवंश की रक्षा के लिए गौ सेवा आयोग का भी गठन किया गया है। इस आयोग के तहत गौशालाओं के माध्यम से प्रति गाय चारे का खर्च भी दिया जा रहा है। गौसेवा के इस कार्य के लिए मैं मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को बधाई देता हूँ।
    राज्य में देशी गायों को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार तक का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी प्रकार से मछली पालन व पोल्ट्री व्यावसाय के लिए भी अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। आज हरियाणा से 2500 करोड़ रूपये मूल्य की मछली दूसरे राज्यों में भेजी जा रही है।
    प्रदेश में पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक तिहत्तर हजार से भी ज्यादा पशुधन किसान कार्ड जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पशुपालकों को 924 करोड़ रूपये की राशि वितरित की जा चुकी है।

    पशुधन को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए राज्य में 70 मोबाईल पशु चिकित्सा इकाईयों की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार ने 18 करोड़ का बजट हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड को जारी किया है।
    मेरी यहाँ उपस्थित पशुपालन वैज्ञानिकों से अपील है कि वे पशुधन की नसल में और सुधार करने की तकनीक विकसित करें जिससे दूध उत्पादन में इज़ाफा हो और किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ेगी। वैसे तो हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंसे, साहिवाल व हरियाणवी नस्ल की गाय देश भर में प्रसिद्ध हैं। इन प्रजाति की गाय भैंसे हमारे हैदराबाद (तेलंगाना) में भी ले जाई जाती रही हैं।
    हमारे किसानों व पशुपालकों ने बड़े स्तर पर कृषि तकनीकों को अपना कर श्वेत और हरित क्रांति लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह हमारे किसानों, उद्योगों व संस्थानों की कड़ी मेहनत और सरकारी नीतियों व प्रोत्साहनों का परिणाम है।
    उदारीकरण व व्यापारीकरण के दौर में आज हमारे किसानों को विकसित राष्ट्रों के किसानों के साथ प्रतिस्पर्धा में खड़ा होना है। यह तभी सम्भव है जब हमारी उत्पादन लागत न्यूनतम हो और उत्पादकता अधिकतम हो और उत्पाद गुणवत्तापूरक हों।
    अतः हमें कृषि पद्धतियों में बदलाव लाना होगा और आधुनिक तकनीकों का बड़े पैमाने पर प्रयोग करना होगा। इसके साथ पशुपालन, मछली पालन, पोल्ट्री व कृषि से जुड़े अन्य व्यवसाय अपनाने होंगे। इन क्षेत्रों में नए स्टार्टअप शुरू करने होंगे।
    सरकार हर प्रकार की सहायता के लिए आपके साथ है। मुझे उम्मीद है कि कृषि वैज्ञानिक इस दिशा में किसानों को और जागरूक करेंगे।
    हमें कृषि, पशुपालन, पोल्ट्री व अन्य कृषि आधारित व्यवसायों को उद्योग के रूप में देखना चाहिए न कि एक जीने का साधन।
    यहां भिवानी में तीन दिवसीय पशुधन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, ऐसे आयोजन पशुपालकों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करते हैं और पशुपालकों को उन्नत व नवीनतम तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
    मैं इस पशुधन प्रदर्शनी के लिए पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री जे.पी. दलाल जी व इनके विभाग की पूरी टीम को शुभकामनाएं देता हूँ।
    अंत में, मैं पशुधन प्रदर्शनी की सफलता की कामना करते हुए आप सभी का धन्यवाद करता हूं।
    जय हिन्द जय हरियाणा!