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    ‘‘जीतेंगे कोरोना का रण’’ पुस्तक का विमोचन

    Publish Date: नवम्बर 26, 2021

    आदरणीय डा. के. के खण्डेलवाल जी, Chairman, HARYANA REAL ESTATE REGULATORY AUTHORITY
    आदरणीय श्री मार्कण्डेय आहुजा जी, कुलपति, गुरूग्राम विश्वविद्यालय
    उपस्थित सभी प्रबुद्धजन व प्रिय सज्जनों,
    सबसे पहले मैं गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 मार्कण्डेय आहुजा जी व सह लेखक डा0 अंजु आहुजा जी को ‘‘जीतेंगे कोरोना का रण’’ नामक काव्य संग्रह की रचना करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
    कोरोना महामारी आज पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। पूरा विश्व लगभग दो साल से इस महामारी से जुझ रहा है। ऐसे में आध्यात्मिक साहित्य के माध्यम से लोगों का मनोबल बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है। इसी कड़ी में डा0 आहुजा जी ने काव्य संग्रह की रचना करके एक सार्थक प्रयास किया है।
    कोरोना महामारी से उबारने में डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, स्वयंसेवियों के साथ-साथ साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं सभी कोरोना योद्धाओं को शुभकामनाएं देता हूँ।
    साहित्य वह सशक्त माध्यम है, जो समाज को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। यह समाज में प्रबोधन की प्रक्रिया का सूत्रपात करता है। लोगों को प्रेरित करने का कार्य करता है। एक ओर जहाँ यह सत्य के सुखद परिणामों को रेखांकित करता है, वहीं शिक्षा, सीख तथा मनुष्य को आध्यात्मिकता से जोड़कर तनाव से उबारने में मदद करता है।
    ‘‘जीतेंगे कोरोना का रण’’ काव्य रचना को आध्यात्मिकता के जोड़कर लेखक ने कोरोना के प्रभावों और दुष्प्रभावों को रेखांकित कर एक सकारात्मक सन्देश दिया।
    अपनी रचना में बहुत ही सुंदर शब्द पिरोकर डॉ. मार्कण्डेय आहूजा जी तथा डॉ. अंजू आहूजा जी ने महामारी से उबरने में साहित्य के महत्व को बताया है। ‘‘जीतेंगे कोरोना का रण’’ नामक काव्य रचना के पीछे जो सकारात्मक संदेश है वह तो इसके शीर्षक में ही दिखाई देता है। कोरोना ने जहां मुसीबतें ही मुसीबते हमें दी वहीं हमें वह प्रेरित वातावरण भी दिया है इस वातावरण से प्रेरणा पाकर पूरे देश ने आपदा में अवसर को ढुंढ़ा है।
    एक बार फिर मैं पुस्तक के लेखक एवं उनकी पूरी टीम को सादुवाद एवं शुभकामनाएं देता हूँ। आशा है कि यह काव्य रचना जन-मानष को नईं उर्जा और प्रेरणा प्रदान करेगी।
    जय हिंद ।