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    इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर (रेवाड़ी)

    Publish Date: अक्टूबर 19, 2021

    इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर (रेवाड़ी) के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र गक्खड जी,
    कुलसचिव प्रो0 प्रमोद कुमार जी
    विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साहेबान, प्राध्यापकगण, होनहार छात्रों, पत्रकार एवं छायाकार बंधुओं।
    आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इंदिरा गांधी नेशनल विश्वविद्यालय मीरपुर में आकर मैं बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। आज पूरा विश्वविद्यालय परिसर आजादी के अमृत महोत्सव से सराबोर है। इस अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
    विश्वविद्यालय परिसर में 100 फीट ऊंचा लहरा रहा ये राष्ट्रीय ध्वज उन सभी जाने-अनजाने वीर शहीदों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देश को आजाद करवाया। मैं आपको बधाई देता हूँ कि आपने झंडे की आन, बान और शान के लिए महान स्वतंत्रता सेनानी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का स्टैच्यू स्थापित किया है। साथ ही लाइब्रेरी में भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का पोट्रेट भी स्थापित किया है।
    महान स्वतंत्रता सेनानियों को इस अवसर पर गरीमापूर्ण ढंग से याद करना वास्तविक रूप से आजादी के अमृत महोत्सव की महत्ता को बढ़ाना है। देश इस वर्ष नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती भी मना रहा है। इस जयंती वर्ष पर भी मैं प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ।
    मुझे यह भी जानकर खुशी हुई है कि राष्ट्रीय ध्वज के पास देश के जाने-माने शहीदों के चित्र लगाए जाएंगे। विश्वविद्यालय का यह बहुत ही सराहनीय कदम है। इस मौके पर विश्वविद्यालय द्वारा जल-घर भी तैयार किया गया है, जिसका उद्घाटन करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं विश्वविद्यालय के कुलपति व उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ।
    आज विश्वविद्यालय के शिक्षकों व विद्यार्थियों से बातचीत करने का मौका मिला है। विश्वविद्यालय में उपलब्ध ढांचागत सुविधाओं व शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हुई । मैं पूरी तरह विश्वस्त हूँ कि आपका यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति का वाहक बन चुका है।
    जैसा कि हमें पता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जहां रोजगारोन्मुखी शिक्षा, कौशल शिक्षा एवं कौशल विकास तथा स्थानीय हुनर के विकास पर जोर दिया गया है। वहीं संवैधानिक व नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता पर जोर दिया गया है।
    कुलपति श्री गक्खड जी, ने अपने प्रतिवेदन में जिक्र किया है कि विश्वविद्यालय के हर विभाग में डाटा एनालेटिकल, कम्यूनिकेशन स्किल, तथा कम्पयूटर एप्लीकेशन के विषय जोड़े गए हैं। इनसे विद्यार्थियों में स्किल का विकास होगा और विद्यार्थी आधुनिक विश्वव्यवस्था के अनुसार शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे।
    केन्द्र सरकार द्वारा अन्तर-विश्वविद्यालय अनुसंधान, स्वायत संगठन के माध्यम से विज्ञान आधारित उच्च शिक्षा और अनुसंधान को सुदृढ़ करने के लिए योजनाएं तैयार की गई हैं। केन्द्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की भी शुरुआत की गई है।
    हरियाणा सरकार ने तो प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत कर दी है और प्रदेश में 2025 तक शिक्षा नीति को पूर्णतः लागू करने का लक्ष्य भी रखा है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रदेश में 100-सुपर कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत कोचिंग पाने वाले 26 मेधावी विद्यार्थियों का आई.आई.टी में प्रवेश हुआ है। जबकि 54 विद्यार्थियों ने जे.ई.ई. (मेन) की परीक्षा पास की है। मैं इन सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देता हूँ। मैं चाहता हूँ इस प्रकार का कार्यक्रम हमारे विश्वविद्यालयों में भी शुरू हो जिनमें कोचिंग प्राप्त कर विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की बड़ी प्रतियोगिताओं में स्थान बना पाएं।
    विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूझान पैदा करने के लिए हरियाणा सरकार ने केन्द्र सरकार की सहायता से 191 करोड़ रूपये की लागत से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में साईंस सिटी स्थापित करने की योजना तैयार की है। इसके साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट वैज्ञानिकों को प्रत्येक वर्ष हरियाणा विज्ञान रत्न और हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है।
    आधुनिक विज्ञान, टेक्नॉलॉजी व स्थानीय मांग के आधार पर कौशलता व प्रशिक्षित होकर उत्कृष्टता हासिल करने का हमारा लक्ष्य तभी सिद्ध होगा जब युवा अपने विषयों में पूरी तरह पारंगत होकर उद्यमशीलता के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे। आप जॉब-सीकर नहीं बल्कि ‘‘जॉब-क्रिएटर’’ बनकर जीवन में आगे बढ़ेंगे। यह आत्म निर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
    हमें देश और स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय मांग के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित करना है। जिससे वे अपना स्टार्ट-अप स्थापित करें। उनके द्वारा उत्पादित माल को लोकल से ग्लोबल तक ले जाना है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को नए शोर्ट-टर्म, कोर्सिंग व कार्यक्रम व पाठ्यक्रम शुरू करने हैं। इसके साथ-साथ शिक्षण संस्थानों को नए अनुसंधानों पर बल देना है। अनुसंधान कार्य केवल लैबोरेट्री तक न रहे बल्कि अनुसंधान को जन सामान्य के लिए उपयोगी बनाना है।
    21वीं सदी में विश्वविद्यालयों से यह अपेक्षा की जाती है कि विद्यार्थी और प्राध्यापक इस सदी की जरूरतों को पूरा करने और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम सिद्ध होंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब इन अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे।
    मेरी विद्यार्थियों से अपील है कि आप जहां जिस भी स्थिति में हैं पूरे मन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने में शत-प्रतिशत लगाएं। जिससे निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी और आपका सामर्थ्य और योग्यता देश के काम आएगी।
    मैं आशा करता हूं कि आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष में पूरे देश में चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव में आप सभी युवा किसी न किसी रूप में भागीदारी भी करें। सन 2047 में जब हमारा देश आजादी की शताब्दी मनाएगा तब आप जैसे युवा देश को नेतृत्व दे रहे होंगे।
    भारत के निर्माण के लिए आप सबको आज से ही संकल्पबद्ध होकर जुट जाना चाहिए। मैं चाहूंगा कि आप सब भारत को विकास की ऐसी ऊंचाइयों तक ले जाएं जो हमारी कल्पना से भी बहुत ऊपर हो।
    आज विश्वविद्यालय के छात्रों ने आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़े रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं। इन कार्यक्रमों में देश और प्रदेश की संस्कृति की झलक दिखाई दी। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम बहुत ही सुंदर और मनमोहक थे। मैं ऐसे बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए सभी छात्रों को बधाई देता हूँ और सभी प्रतिभागी छात्रों के लिए …………….. रूपये देने की घोषणा करता हूँ।
    अंत में, एक बार फिर मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देता हूं और विश्वविद्यालय के शिक्षक गण, कर्मचारीगण व विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
    जय हिन्द! जय हरियाणा।